संहत/sanhat

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संहत  : वि० [सं० सम्√हन् (मारना)+क्त] १. अच्छी तरह गठा, जुड़ा, मिला या सटा हुआ। २. जो जमकर बिल्कुल ठोस हो गया हो। ३. गाढ़ा या घना। ४. दृढ। मजबूत। ५. इकट्ठा या एकत्र किया हुआ। ६. अच्छी तरह मिलाकर एक किया हुआ। (कन्सालिडेटे़ड्) ७. चोटखाया हुआ। आहत। घायल। पुं० नृत्य में एक प्रकार की मुद्रा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संहत जानु  : पुं० [सं०] दोनो घुटने सटाकर बैठने की मुद्रा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संहतांग  : वि० [सं० कर्म० स० ब० स० वा०] हृष्ट-पुष्ट। मजबूत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संहति  : स्त्री० [सं०] १. आपस में चीजों का मिलना। मेल। २. इकट्ठा या एकत्र होना। ३. ढेर-राशि। ४. झुंड। दल। ५. घनत्व। घनापन। ६. जोड़। संधि। ७. घठकर या मिलकर एक होना। संघठन। (कंसालिडेशन)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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