शब्द का अर्थ
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					सचरना					 :
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					अ० [सं० संचरण] १. किसी के ऊपर प्रविष्ट होकर संचरित होना। फैलना। २. किसी वर्ग या समाज में पहुँचकर लोगो से हेल-मेल बढ़ाना। उदा०—जा दिन तै सचरे गोपिन में, ताहि दिन तै करत लगरैया।—सूर। ३. किसी चीज या बात का लोगों में प्रचलन या प्रचार होना। फैलना।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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