शब्द का अर्थ
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					सपत					 :
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					स्त्री०=शपथ। वि०=सप्त (सात)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सपत (द)					 :
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					वि०=सफेद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सपतना					 :
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					वि० [सं०] किसी सथान पर पहुँचना। (राज०)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सपत्न					 :
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					वि० [सं०] सपत्नी या सौत की तरह का द्वेष और वैर रखने वाला। पुं० दुश्मन। बैरी। शत्रु।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सपत्नता					 :
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					स्त्री० [सं० सपत्न+तल्—टाप] वैर। शत्रुता।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सपत्नी					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स० ङीष्] किसी विवाहित स्त्री की दृष्टि से उसके पति की दूसरी पत्नी। सौत। सौतिन।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सपत्नीक					 :
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					वि० [सं० अव्० स०—कप] (व्यक्ति) जो अपनी पत्नी यी भार्या के साथ हो। जैसे—वह यहाँ लपत्नीक आने वाले हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |