शब्द का अर्थ
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					समाहार-द्वंद्					 :
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					पुं० [सं० मध्यम० स०] व्याकरण में ऐसा द्वंद्व समास जिससे उसके पदों के अर्थ के सिवा कुछ और अर्थ भी सूचित होता है। जैसा—सेठ साहूकार, हाथ-पाँव, दाल-रोटी आदि। इनमें से प्रत्येक अपने पदों के अर्थ के सिवा उसी प्रकार वे कुछ और व्यक्तियों या पदार्थों का भी बोध कराता है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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