शब्द का अर्थ
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					सरी					 :
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					स्त्री० [सं० सरि-ङीष्] १. छोटा सरोवर। २. सोता। ३. झरना। नदी।				 | 
			
			
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					सरीक					 :
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					वि० [भाव० सरीकता]=शरीक।				 | 
			
			
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					सरीकत					 :
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					स्त्री० [फा० शिरकत] १. शिरकत। २. साझा।				 | 
			
			
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					सरीकता					 :
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					स्त्री० [अ० शरीक+हि० ता (प्रत्य)] १. शिरकत। २. साझा। ३. हिस्सा।				 | 
			
			
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					सरीख					 :
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					वि०=सरीखा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सरीखा					 :
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					वि० [सं० सदृश, प्रा० सरिस] [स्त्री० सरीखी] अवस्था, गुण, रूप आदि में किसी के तुल्य। जैसा—तुम सरीखा।				 | 
			
			
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					सरीर					 :
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					पुं०=शरीर (देह)। वि०=शरीर (शरारती)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सरीसृप					 :
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					पुं० [सं०] १. वे जन्तु जो जमीन पर रेंगते हुए चलते हैं। जैसा—कनखजूरा, छिपकली, मगर, साँप आदि। २. विष्णु का एक नाम।				 | 
			
			
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					सरीसृप विज्ञान					 :
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					पुं० [सं०] जीव-विज्ञान की वह शाखा जिसमें सरीसृपों के गुणो, विभागों, स्वभावों आदि का विवेचन होता है। (हर्पेटॉलोजी)।				 | 
			
			
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					सरीह					 :
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					वि० [अ०] १. प्रकट। खुला हुआ। २. स्पष्ट।				 | 
			
			
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