शब्द का अर्थ
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सारा :
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वि० [सं० समग्र] [स्त्री० सारी] १. जितना हो वह सब। कुल। समस्त। २. आदि से अन्त तक जितना हो, वह सब। पूरा। समग्र। स्त्री० [सं०] १. काली निसोथ। २. दूब। ३. सातला। ४. थूहड़। ५. केला। ६. तालीश पत्र। पुं० [?] एक प्रकार का अलंकार जिसमें एक वस्तु दूसरी से बढ़कर कही जाती है। पुं०=साला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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सारांभस :
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पुं० [सं० ब० स०] नींबू का रस। |
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साराम्ल :
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पुं० [सं० ब० स०] १. एक जँबीरी नींबू। २. धामिन। |
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सारावती :
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स्त्री० [सं०] सारवली। (दे०) |
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सारांश :
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पुं० [सं० सार+अंश] १. किसी पूरे तथ्य, पदार्थ आदि के मुख्य तत्वों का ऐसा छोटा या संक्षिप्त रूप जिससे गुण, स्वरूप आदि का ज्ञान हो सके। मुख्य सार भाग। खुलासा। निचोड़। समस्तिका। (ऐब्सट्रैक्ट) २. किसी पूरी बात या विवरण की मुख्य और सारभूत विशेषताएँ जो एक जगह एकत्र की गई हों। (समरी) ३. कोई ऐसा छोटा लेख जिसमें की बड़े लेख की सब बातें आ गई हों। सार-संग्रह। (कम्पेन्डियम) ४. तात्पर्य। मतलब। जैसे—सारांश यह कि आप को वहाँ नहीं जाना चाहिये था। ५. परिणाम। नतीजा। ६. उपसंहार। |
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साराँशक :
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पुं० [सं०] वह कथन या लेख जो किसी विस्तृत उल्लेख या विवरण के साराँश के रूप में हो। (समरी) |
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