शब्द का अर्थ
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					सुत					 :
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					पुं० [सं०] [स्त्री० सुता] १. माता या पिता अथवा दोनों की दृष्टि से वह बालक जो उनके रज और वीर्य से उत्पन्न हुआ हो। पुत्र। आत्मज। बेटा। २. जन्म-कुंडली में लग्न से पाँचवाँ घर जहाँ संतान के सम्बन्ध में विचार किया जाता है। वि० १. उत्पन्न। जात। २. पार्थिव। पुं० बीस की संख्या।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुत-जीवक					 :
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					पुं० [सं० सुत√जीव (जीवित करना)+ण्वुल-अक] पुत्रजीव (वृक्ष)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुत-पेय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] यज्ञ में सोम पीने की क्रिया। सोमपान।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुत-याग					 :
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					पुं० [सं०] पुत्र की कामना से किया जानेवाला यज्ञ। पुत्रेष्टयज्ञ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुत-वस्करा					 :
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					स्त्री० [सं०] वह स्त्री जिसने सात पुत्रों को जन्म दिया हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुत-स्थान					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] जन्म-कुंडली में लग्न से पाँचवाँ स्थान जहाँ से सन्तान सम्बन्धी विचार होता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुतकरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हि० सुत+करी] स्त्रियों के पहनने की पुरानी चाल की जूती।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुतंत, सुतंतर					 :
				 | 
				
					वि०=स्वतंत्र।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुतंतु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. शिव। २. विष्णु।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतंत्र					 :
				 | 
				
					वि०=स्वतन्त्र।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतंत्रि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. वह जो तार के बाजे (वीणा आदि) बजाने में प्रवीण हो। वह जो तंत्र-वाद्य अच्छी तरह बजाता हो। २. वह जो कोई बाजा अच्छी तरह बजाता हो। वि० १. बढ़िया तारोंवाला। (बाजा) २. फलतः मधुर स्वरवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					सुतत्व					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुत+त्व] सुत होने की अवस्था,धर्म या भाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतदा					 :
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					वि० स्त्री० [सं० सुत√दा (देना)+क-टाप्] सुत या पुत्र देनेवाली। स्त्री० पुत्रदा (लता)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतधार					 :
				 | 
				
					पुं०=सूत्रधार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतनु					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सु+तनु] १. सुन्दर शरीरवाला। खूबसूरत। २. सुकुमार शरीरवाला। नाजुक और दुबला पतला। स्त्री० १. सुन्दरी स्त्री। २. अक्रूर की पत्नी का नाम। ३. उग्रसेन की एक कन्या।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतनुता					 :
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					स्त्री० [सं० सुतनु+तल्-टाप्] सुतनु होने की अवस्था, गुण या भाव। सुन्दरता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतप					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुत√पा (पीना)+क, ब० स०] सोमपान करनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतपा (पस्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] बहुत अधिक तपस्या करनेवाला। पुं० १ .सूर्य। २. विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] जलाशय जो सुख या आराम से तैरकर या नाव आदि से पार किया जा सके। पुं० शुतुर (ऊँट)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतर-नाल					 :
				 | 
				
					स्त्री०=शतुरनाल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतरा					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० सुतराम] १ .अतः। इसलिए। २. और भी। अपितु। कि० बहुना। ३.विवश होकर। लाचारी की हालत में। ४. बहुत अधिक। अत्यन्त। ५. अवश्य। जरूर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतरा					 :
				 | 
				
					पुं० [हि० शुतुर] सूत की तरह का वह पतला चमड़ा जो प्रायः उँगलियों में नाखन की जड़ के पास उचड़कर निकलते लगता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतरी					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० शुतुर] ऊँट के से रंगवाला बैल। स्त्री० [?] १.करघे में की वह लकड़ी जो पाई में साँथी अलग करने के लिए साँथी के दोनों तरफ लगी रहती है। २. एक प्रकार की घास जिसे हर-बाल भी कहते हैं। स्त्री० १.=सुतारी। २. =सुतली।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतर्द्दन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] कोकिल पक्षी। कोयल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] पुराणानुसार सात पाताल लोकों में से एक जो किसी के मत से दूसरा और किसी के मत से छठा लोक है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हि० सूत+ली (प्रत्य)] रूई,सन या इसी प्रकार के और रेशों के सूतों या डोरों को एक में बटकर बनाया हुआ लंबा और कुछ मोटा खंड जिसका उपयोग चीजें बाँधने,कूएँ से पानी खींचने पलंग बुनने आदि कामों में होता है। डोरी। रस्सी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतवाना					 :
				 | 
				
					स०=सुलवाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतवान् (वत्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सुत+मतुप-म=व-नम्-दीर्घ] पुत्रोंवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतहर					 :
				 | 
				
					पुं०=सुतार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतहा					 :
				 | 
				
					वि० पुं० [हि० सूत+हा (प्रत्यय)] [स्त्री० सुतही] १. सूत-संबंधी। सूत का २. सूत का बना हुआ। सूती। पुं० सूत का व्यापारी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतहार					 :
				 | 
				
					पुं०=सुतार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतही					 :
				 | 
				
					स्त्री०=सुतुही।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतहौनिया					 :
				 | 
				
					पुं०=सुथौनिया।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १. पुत्री। बेटी। २. सखी। सहेली (डि०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुता-पति					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] किसी की दृष्टि से उसकी कन्या का पति। दामाद। जामाता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतात्मज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] [स्त्री० सुतात्मजा] १. लड़के का लड़का। पोता। २. लड़की का लड़का। नाती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतान					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] अच्छे स्वरवाला। सु-स्वर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुताना					 :
				 | 
				
					स०=सुलाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतार					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] १. चमकीला। २. जिसकी आँखों की पुतलियाँ सुन्दर हों। पुं० १. एक प्रकार का सुगन्धित द्रव्य। २. गुरु से पढ़े हुए अध्यात्म शास्त्र का ठीक और पूरा ज्ञान जिसकी गिनती सांख्य-दर्शन में सिद्धियों में की गई है। पुं० [सं० सूत्रकार] [भाव० सुतारी] १ .बढ़ई। २. कारीगर। पुं० [?] १. सुख-सुभीता। २. हुद-हुद। (पक्षी)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतारका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] चौबीस शासन देवियों में से एक। (बौद्ध)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतारा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १.सांख्य के अनुसार (क) नौ प्रकार की तुष्टियों में से एक और (ख) आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतारी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हि० सुतार+ई (प्रत्य)] १. सुतार या बढ़ई का काम। २. वह सूआ जिससे मोची चमड़ा सीते हैं। ३.पुरानी चाल का एक प्रकार का हथियार। पुं० कारीगर। शिल्पी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतार्थी (र्थिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] पुत्र की कामना करनेवाला। जिसे पुत्र की अभिलाषा हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुताल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] ताल का एक भेद (संगीत)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुताली					 :
				 | 
				
					स्त्री०=सुतारी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतावना					 :
				 | 
				
					स०=सुलाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतासुत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] पुत्री का पुत्र। दौहित्र। नाती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतिक्त					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] पित्त-पापड़ा। वि० बहुत अधिक तिक्त या तीता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतिक्तक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १. चिरायता। २. पारिभद्र। परहद। ३. पित्त-पापड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतिन					 :
				 | 
				
					स्त्री०=सुतनु (सुन्दर स्त्री)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतिनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] पुत्रवती स्त्री जिसे पुत्र हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतिया					 :
				 | 
				
					स्त्री० [देश] गले में पहनने का हँसुली नाम का गहना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतिहार					 :
				 | 
				
					पुं०=सुतार। (बढ़ई)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुती (तिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुति] [स्त्री० सुतिनी] जिसके आगे बेटा या बेटे हों,फलतः पिता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतीक्षण					 :
				 | 
				
					पुं०=सुतीक्ष्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतीक्षण					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] १ .बहुत अधिक तीक्ष्ण या तीखा। २. बहुत अधिक तीता। ३. दरद-भरा। पीड़ा-युक्त। पुं० १. अगस्त्य मुनि के भाई जो बनवास के समय श्री रामचन्द्र जी से मिले थे। २. सहिजन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतीक्ष्णक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] सुतीक्ष्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतीक्ष्णका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] सरसों। सर्षप।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतीखन					 :
				 | 
				
					पुं०=सुतीक्ष्ण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतीर्थ					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] (जलाशय) जो सहज में पार किया जा सके। पुं० १.शिव। २. एक पौराणिक पर्वत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतुंग					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] बहुत अधिक ऊँचा। पुं० १.नारियल का पेड़। २. ज्योतिष में ग्रहों का उच्चांश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतुहा					 :
				 | 
				
					पुं० [हि० सुतुही] बड़ी सुतुही।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतुही					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० शुक्ति] १. सीपी, जिससे प्रायः छोटे बच्चों को दूध पिलाते हैं। २. बीच में से घिसकर काटी हुई वह सीपी जिससे आम के छिलके छीले जाते हैं, पोस्ते में से अफीम खुरची जाती है, तथा इस प्रकार के कुछ और काम किये जाते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतून					 :
				 | 
				
					पुं० [फा०] खंभा। स्तम्भ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतेकर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] वह जो यज्ञ करता हो। ऋत्विक्।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतेजन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १ .धामिन नामक वृक्ष। २. बहुत नुकीला तीर। वि० तेज धारवाला। २. नुकीला				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतेजा (जस्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १. जैनों के अनुसार गत उत्सर्पिणी के दसवें अर्हत का नाम। २. हुरहुर नाम का पौधा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुतोष					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] संतुष्ट। पुं० पूर्ण तुष्टि। २. संतोष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुत्ता					 :
				 | 
				
					वि० [हि० सोना] [स्त्री० सुत्ती] सोया हुआ। (पश्चिम)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुत्तिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १.तोरई। कोशातकी। २. शल्लकी। सलई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुत्तुर					 :
				 | 
				
					पुं० [हि० सूत या फा० शुतुर] जुलाहों के करघे का वह बाँस जिसमें कंधी बँधी रहती है। कुलबाँसा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुत्थना					 :
				 | 
				
					पुं० [स्त्री० अल्पा० सुत्थनी] कुल खुली मोरीवाला एक तरह का पाजामा। सूथन (पश्चिम)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुत्पा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १.सोमरस निकालना या बनाना। २. यज्ञ के लिए सोमरस निकालने का दिन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुत्रामा (मन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १ .वह जो उत्तम रूप से रक्षा करता हो। २. इन्द्र। ३. पुराणानुसार तेरहवें मन्वंतर का एक देवगण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुत्री					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सु+त्री] १. सुन्दरी स्त्री। १. औरत। स्त्री। (डि०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |