शब्द का अर्थ
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					सुवर्ण					 :
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					वि० [सं० ब० स०] १. सुन्दर वर्ण या रंग का। २. सोने के रंग का। सुनहला। ३. धनवान्। सम्पन्न। पुं० १. सोना नमक धातु। स्वर्ण। २. प्राचीन भारत में सोने का एक प्रकार का सिक्का जो प्रायः दश माशे का होता था। ३. किसी के मत से दश माशे की और किसी के मत से सोलह माशे की एक पुरानी तौल या मान। ४. एक प्रकार का यज्ञ। ५. एक प्रकार का छन्द या वृत्त। ६.रंगे हुए सूत से बुना हुआ पुरानी चाल का एक प्रकार का कपड़ा। ७. दशरथ का एक मंत्री। ८. सोनागेरू। ९. हरिचन्दन। १॰. हलदी। ११. नागकेसर। १२. धतूरा। १३. पीली सरसों।				 | 
			
			
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					सुवर्ण स्थान					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] १. एक प्राचीन जनपद। २. आधुनिक सुमात्रा द्वीप का पुराना नाम।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-कदली					 :
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					स्त्री० [सं० उपमि० स०] चंपा केला।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-कमल					 :
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					पुं० [सं० उपमि० स०] लाल कमल। रक्त कमल।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-करणी					 :
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					स्त्री० [सं० सुवर्ण+करण] एक प्रकार की जड़ी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-कर्ता					 :
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					पुं० =स्वर्णकार (सुनार)।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-केतकी					 :
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					स्त्री० [सं० उपमि० स०] लाल केतकी। रक्त केतकी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-क्षीरिणी					 :
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					स्त्री० [सं० उपमि० स०] कटेरी। कटुपर्णी। स्वर्णक्षीरी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-गणित					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] प्राचीन भारत में, बीज—गणित की वह शाखा जिसके अनुसार सोने की तौल आदि जानी जाती थी और उसके दाम का हिसाब लगाया जाता था।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-गर्भ					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] एक बोधिसत्व का नाम।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-गिरि					 :
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					पुं० [सं० उपमि० स०] १. राजगृह के पास का एक पर्वत। २. अशोक की एक राजधानी जो किसी के मत से राजगृह में और किसी के मत से दक्षिण भारत के पश्चिमी समुद्र—तट पर थी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-गैरिक					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] लाल गेरू।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-चूड़					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] एक प्रकार का पक्षी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-जीविक					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] एक प्राचीन वर्णसंकर जाति जो सोने का व्यापार करती थी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-तिलका					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] मालकंगनी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-द्वीप					 :
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					पुं० [सं०] सुमात्रा टापू का पुराना नाम।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-धेनु					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त०] दान देने के लिए सोने की बनाई हुई गौ।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-पक्ष					 :
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					वि० [सं० ब० स०] जिसके पंख या पर सोने के हों। पुं० गरुड़।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-पद्म					 :
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					पुं० [सं० उपमि० स०] लाल कमल। रक्त कमल।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-पद्मा					 :
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					स्त्री० [सं०] आकाश गंगा।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-पार्श्व					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] एक प्राचीन जनपद।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-पालिका					 :
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					स्त्री० [सं०] सोने का बना हुआ एक प्रकार का प्राचीन पात्र।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-पुष्प					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] बड़ी सेवती। राजतरुणी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-फला					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] चंपा केला। सुवर्ण कदली।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-भूमि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] सुवर्ण द्वीप (सुमात्रा) का पुराना नाम।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-माक्षिक					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] सोनामक्खी। स्वर्णमाक्षिक।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-माषक					 :
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					पुं० [सं०] बारह धान की एक पुरानी तौल।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-मित्र					 :
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					पुं० [सं०] सुहागा, जिसकी सहायता से सोना जल्दी गल जाता है।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-मुखरी					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] एक प्राचीन नदी।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-यथिका					 :
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					स्त्री० [सं० उपमि० स०] सोनजुही। पीली जुही।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-रंभा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मध्य० स०] चंपा केला। सुवर्ण कदली।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्ण-रूपक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] सुवर्ण द्वीप (सुमात्रा) का एक प्राचीन नाम।				 | 
			
			
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					सुवर्ण-रेखा					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] उड़ीसा और बंगाल की एक प्रसिद्ध नदी।				 | 
			
			
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				| 
					सुवर्ण-वणिक्					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०ब०स०] बंगाल की एक वणिक् जाति।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्ण-वर्ण					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] जिसका रंग सोने की रंग की तरह हो। सुनहला। पुं० विष्णु।				 | 
			
			
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				| 
					सुवर्ण-विंदु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] विष्णु।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्ण-श्री					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] आसाम की एक नदी जो ब्रह्मपुत्र की मुख्य शाखा है।				 | 
			
			
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				| 
					सुवर्ण-सिद्ध					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] वह जो इन्द्रजाल से सोना बना लेता हो।				 | 
			
			
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				| 
					सुवर्ण-स्तेय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] सोने की चोरी जो मनु के अनुसार पाँच महापातकों में से एक है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्णक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १. सोना। स्वर्ण। २. सोलह माशे की एक पुरानी तौल। ३. पीतल। ४. अमलतास। वि० १. सोने का बना हुआ। २. सोने के रंग का। सुनहला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्णकार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुवर्ण√कृ(करना)+अण्] सोने के गहने बनाने वाला कारीगर। सुनार।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्णगोत्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] बौद्धों के अनुसार एक प्राचीन राज्य।				 | 
			
			
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				| 
					सुवर्णता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सुवर्ण+तल्–टाप्] सुवर्ण का गुण, धर्म या भाव। सुवर्णत्व। २. सुनहलापन।				 | 
			
			
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				| 
					सुवर्णध्न					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुवर्ण√हन् (मारना)+टक्] राँगा। बंग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुवर्णरेता (तस्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] शिव का एक नाम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्णरोमा (मन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] जिसके रोएँ सुनहले हों। पुं० भेड़। मेष।				 | 
			
			
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				| 
					सुवर्णलता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मध्य० स०] मालकंगनी। ज्योतिष्मतीलता।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					सुवर्णस्तेयी (यिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] सोना चुरानेवाला, जो मनु के अनुसार महापातकी होता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुवर्णा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १. अग्नि की सात जिह्वाओं में से एक। २. इक्ष्वाकु की पुत्री और सुहोत्र की पत्नी। ३. हलदी। ४. काला अगर। ५. बरियारा। बला। ६. कटेरी। सत्यानाशी। ७. इन्द्रायन। इनारू।				 | 
			
			
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				| 
					सुवर्णाकर					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] सोने की खान।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्णाक्ष					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] शिव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्णाख्य					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. नागकेसर। २. धतूरा ३. एक प्राचीन तीर्थ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्णाभ					 :
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					वि० [सं० ब० स०] जिसमें सोने की—सी आभा या चमक हो। पुं० रागावर्त नामक मणि। लाजवर्द।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					सुवर्णार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] लाल कचनार।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुवर्णाह्वा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] पीलीजूही। सोनजूही।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुवर्णिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] पीली जीवंती। स्वर्ण जीवंती।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सुवर्णी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] मूसाकानी। आखुपर्णी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |