शब्द का अर्थ
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					सुहा					 :
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					पुं० [हिं० सुआ] [स्त्री० सुही] लाल नामक पक्षी। पुं०=सूहा (राग)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहाग					 :
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					पुं० [सं० सौभाग्य] १. विवाहिता स्त्री की वह स्थिति जिसमें उसका पति जीवित और वर्तमान हो। अहिवात। सौभाग्य। मुहा०–सुहाग भरना=स्त्री की माँग में सिंदूर भरना। सुहाग मनाना=स्त्री का सदा सुहाग या सौभाग्य बना रहने की कामना करना। पति—सुख के अखंड रहने के लिए कामना करना। २. वह वस्त्र जो वर विवाह के समय पहनता है। ३. विवाह के समय कन्या पक्ष में गाये जानेवाले मांगलिक गीत, जिसमें कन्या के सौभाग्यवती बने रहने की कामना होती है। क्रि० प्र०–गाना। पुं० [?] मँझोले आकार का एक प्रकार का सदाबहार पेड़ जिसके बीजों से जलाने के लिए और औषध के काम में लाने के लिए तेल निकाला जाता है। पुं०=सुहागा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहाग-घर					 :
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					पुं०=सुहाग-मन्दिर।				 | 
			
			
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					सुहाग-मन्दिर					 :
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					पुं० [सं०] १. राजमहल का वह विभाग जिसमें राजा अपनी रानियों के साथ बिहार करते थे। २. वह कोठरी या कमरा जिसमें वर और वधू सोते हों।				 | 
			
			
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					सुहागन					 :
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					वि० स्त्री०=सुहागिन।				 | 
			
			
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					सुहागा					 :
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					पुं० [सं० सुभग] एक प्रकार का क्षार जो गर्म पानी वाले गंध की सोतों से निकलता है। पुं० [?] खेत की मिट्टी बराबर करने का पाटा। हेंगा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहागिन					 :
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					वि० स्त्री० [हिं० सुहाग+इन (प्रत्य०)] सुहाग अर्थात सौभाग्य प्राप्त (स्त्री)। सधवा।				 | 
			
			
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					सुहागिनी					 :
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					स्त्री०=सुहागिन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहागिल					 :
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					स्त्री०=सुहागिन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहाता					 :
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					वि० [हिं० सहना] जो सहा जा सके। सहने योग्य। सह्य। वि०=सुहावना। जैसे–उसे मेरी कोई बात नहीं सुहाती है।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहान					 :
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					पुं० =सोहान।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहाना					 :
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					अ० [सं० शोभन] १. देखने में सुन्दर प्रतीत होना। २. भला लगना। सुखद होना। ३. सत्य होना।				 | 
			
			
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					सुहामण					 :
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					वि०=सुहावना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहार					 :
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					पुं०=सुहाल (पकवान)। उदा०–हारके सरोज सूकि होत हैं सुहार से।–सेनापति।				 | 
			
			
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					सुहारी					 :
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					स्त्री० [सं० सु+आहार] पूरी। सादी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहाल					 :
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					पुं० [सं० सु+आहार] एक प्रकार का नमकीन पकवान जो मैदे का बनता है और जिसका ओकार तिकोना तथा परतदार होता है।				 | 
			
			
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					सुहाली					 :
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					स्त्री०=सुहारी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहाव					 :
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					वि० [हिं० सुहाना] सुहावना। सुन्दर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [सं० सु+हाव] सुन्दर हाव-भाव।				 | 
			
			
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					सुहावता					 :
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					वि० [हिं० सुहाना] [स्त्री० सुहावती] १. सुहानेवाला। देखने में अच्छा लगनेवाला। सुहावना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहावन					 :
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					वि०=सुहावना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहावना					 :
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					वि० [हिं० सुहाना] [स्त्री० सुहावनी] जो सुन्दर भी हो और सुखद भी। जैसे–सुहावनी बात, सुहावनी रात। अ०=सुहाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहावनापन					 :
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					पुं० [हिं० सुहावना+पन (प्रत्य०)] ‘सुहावना’ होने की अवस्था या भाव। सुन्दरता। मनोहरता।				 | 
			
			
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					सुहावला					 :
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					वि०=सुहावना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सुहास					 :
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					वि० [सं० ब० स०] [स्त्री० सुहासा] सुन्दर हँसी हँसनेवाला।				 | 
			
			
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