शब्द का अर्थ
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					सूँघना					 :
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					स० [सं० सिंघण] १. किसी पदार्थ की गंध जानने के उद्देश्य से उसे नाक के पास ले जाकर साँस खींचना। जैसे–फूल सूँघना। २. कोई विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए उक्त क्रिया करना। जैसे–रीछ ने उस मृतप्राय व्यक्ति को सूंघा। मुहा०–जमीन सूँघना=बैठे बैठे इस प्रकार ऊँघना कि सिर बार-बार जमीन की ओर झुकता रहे। (व्यंग्य) (किसी छोटे का) सिर सूँघना=अपनी मंगल—कामना प्रकट करने के लिए छोटों का मस्तक सूँघना या सूँघने का नाट्य करना। (किसी को) साँप सूँघना=साँप का काटना जिससे आदमी मर जाता है। (व्यंग्य) जैसे–बोलते क्यों नहीं क्या साँप सूँघ गया है ? ३. बहुत अल्प आहार करना। बहुत कम या नाम—मात्र का भोजन करना। (व्यंग्य) जैसे–आपने भोजन क्या किया है, सिर्फ सूँघकर छोड़ दिया है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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