शब्द का अर्थ
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					सूचिक					 :
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					पुं० [सं० सूची+ठन्–इक] १. सूई से काम करनेवाला व्यक्ति। २. दरजी।				 | 
			
			
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					सूचिकर्म					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] सूई का काम। सिलाई। सूईकारी।				 | 
			
			
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					सूचिका					 :
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					स्त्री० [सं० सूचि+कन्+टाप्] १. सूत्र। २. हाथी का सूँड़। ३. केतकी। केवड़ा।				 | 
			
			
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					सूचिका—घर					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] सूँड़ धारण करनेवाला, हाथी।				 | 
			
			
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					सूचिका—मुख					 :
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					वि० [सं० ब० स०] जिसका मुँह सूई के समान नुकीला हो। पुं० शंख।				 | 
			
			
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					सूचिकाभरण					 :
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					पुं० [सं०] वैद्यक में एक प्रकार की औषधि जो सन्निपात, विसूचिका आदि प्राणनाशक रोगों तथा साँप के काटने की अन्तिम औषधि मानी गई है। विशेष–इसका प्रयोग सूई की नोक से मस्तक की त्वचा के अन्दर पहुँचा कर भी किया जाता है। और बहुत छोटी छोटी गोलियों के रूप में खिलाकर भी।				 | 
			
			
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					सूचिकार					 :
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					पुं० [सं०सूचि√कृ ((करना)+अण्] वह जो सुइयाँ बनाने का काम करता हो।				 | 
			
			
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