शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सेंध					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० संधि] १. चोरी करने के लिए मकान की दीवार में किया हुआ बड़ा छेद, जिसमें से होकर चोर किसी कमरे या कोठरी में घुसता है। संधि। नकब। क्रि० प्र०–देना।–मारना।–लगाना। २. इस प्रकार छेद करके की जानेवाली चोरी। क्रि० प्र०–लगना। स्त्री० [देश०] १. गोरख ककड़ी। फूट। २. कचरी नामक फल। पेहँटा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेंधना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० सेंध] चोरी करने के उद्देश्य से दीवार में छेद करके मकान में घुसनें के लिए रास्ता बनाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेंधा नामक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सैंधव] एक प्रकार का नमक जो पश्चिमी पाकिस्तान की खानों से निकलता है। सैंधव। लाहौरी नमक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेंधिया					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० सेंध] दीवार में सेंध में लगाकर चोरी करनेवाला। जैसे–सेंधियाँ चोर। पुं० [?] १. ककड़ी की जाति की एक बेल जिसमें तीन—चार अंगुल लम्बे छोटे—छोटे फल लगते हैं। कचरी। सेंध। पेहँटा। २. फूट नामक फूल। ३. एक प्रकार का विष। पुं० =सिंधिया।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेंधी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सिंध (देश०)] १. खजूर। २. खजूर की शराब। स्त्री०=सेंधिया (फल)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेंधुआर					 :
				 | 
				
					पुं०=सिंधुआर (जन्तु)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सेंधुर					 :
				 | 
				
					पुं०=सिंदुर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |