शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					सोधी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० शुद्ध या शुद्धि या हिं०सुध का पुराना रूप] १. शुद्ध करने की क्रिया या भाव। शोधना। शुद्धि। उदा०–दादू सोधी नाहिं सरीर की कहै अगम की बात।–दादूदयाल. २. परमात्मा के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान। केवल ज्ञान। उदा०–सतगुरु थैं सोधी भई, तब पाया हरि का खोज।–दादूदयाल। ३. याद। स्मृति। ४. ईश्वर या भगवान का ध्यान या स्मरण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |